व्याह कर आई वो नव्योवना ,उतरी डोली से सजन के अंगना
अपनी गुडिया ,सखी-सहेली ,ढेरो यादे छोड़ आयी बाबुल के अंगना
माँ-बाप की दुआएं ,भाई -बहनों का प्यार आशीर्वाद और लाज का गहना
बस ये ही दहेज़ था उसके दमन में और थी माँ की सीख
सुख हो या दुःख,तुमको है उसी ससुराल में मिल कर रहना और सहना...........
18 टिप्पणियां:
मिलजुल कर हुहिहैं सब काज।
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
बढ़िया रचना.
मेरे ब्लॉग में भी आये..
**मेरी कविता**
तथा "गद्य रस" को समर्पित इस सामूहिक ब्लॉग में आयें और फोलोवर बनके उत्साह बढ़ाएं.
**काव्य का संसार**
aapne nai naweli dulhan evm uske khwabon ka sahi chitran kiya hai.
बहुत सुंदर । धन्यवाद ।
अति सुन्दर.
बेहतरीन प्रस्तुती....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
♥
आशीर्वाद और लाज का गहना बस ये ही दहेज़ था उसके दामन में
...और थी माँ की सीख
सुख हो या दुःख , तुमको है उसी ससुराल में मिल कर रहना और सहना...
मिल कर रहने और सहने की सीख आजकल बेटी के मां-बाप देना छोड़ चुके हैं …
हा हाऽऽ… :)
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बस ये ही दहेज़ था उसके दमन में और थी माँ की सीख
सुख हो या दुःख,तुमको है उसी ससुराल में मिल कर रहना और सहना...
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति .....
आपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरा मनोबल बढाने के लिए ...
,,,,,, अच्छी प्रस्तुति ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
मेरी घरेलु भाषा भोजपुरी है.. इच्छा हुई की भोजपुरी में प्रतिक्रिया दूँ...
बहुत बढ़िया लिखले बनी.. आभार.. राउर प्रतिक्रिया के हमरो बा इंतिजार.. एक बेर जरूर आइब.. राउर स्वागत बा...
बिलकुल सही सोच है आपकी इसी से ही सारा परिवार सुखी रहता है अच्छी प्रस्तुति
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
MITRA-MADHUR
बेहद भाव पूर्ण कोमल अभिव्यक्ति ..
सादर शुभ कामनाएं !!!
roshi ji
bahut hi badhiya aur antarman ko chhooti aapki post bahut hi sateek hai .sach hai beti dahej me yahi chijen to paati hai jo uska apna hota hai .
bahut bahut badhai
poonam
बढ़िया प्रस्तुति ||
बहुत-बहुत बधाई ||
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