तीज का मनोहारी उत्सव ,भर देता है हर युवती के मन में कुछ अनूठी उमंग
साजन के प्यार में खिल उठता है उसका अंग और प्रत्यंग
सावन के झूले बड़ा देते हैं ह्रदय की उठती गिरती सांसो की सरगम
यह सतरंगी त्यौहार है ही हमारे देश की अद्भुत रीति -रिवाजों की शान
अल्हड ,बूढी और जवान सभी मनाएं इसको भिन्न -भिन्न रूपों में सजकर
धानी लहरिया ,की ओढ़ चुनर सजे गोरी पहन हाथ भर भर चूड़ी और पाँव सजे महावर
1 टिप्पणी:
शुभकामनायें..
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