सोमवार, 23 जुलाई 2012

मेरे जिगर के टुकड़े





बच्चे कितनी जल्दी बड़े हो जाते हैं यह आज समझ आया
जब हमारे बच्चे ने हमको नेतिकता का पाठ पड़ाया 
वो सारी बातें जो हम थे रहे सिखाते उसको जिन्दगी भर 
एक पल में ही उसने उनको अमल में लाकर कर दिखाया 
फख्र है हमको तुम परअब जाकर महसूस हुआ बच्चों  
हमने यूँ ही नहीं अपना जीवन व्यर्थ है गंवाया 
  

2 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सीख पर बच्चे अमल करें इससे अच्छा क्या हो सकता है...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपना कार्य तो करते रहना है..

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...