छोटे -बड़े सबको बांटे है वो दिल के द्वार खोलकर
गरीब -अमीर सब को देता है भेद -भाव भूलकर
तोहफे तो सबको ईश्वर भिजवाता है अपना दूत भेजकर
पर हम तो यूँ ही रोते रहतें हैं अपनी बदकिस्मती पर
कभी ,कुछ चड सोच कर देखे उस रहनुमा की गुरवत पर
पर ना ........उसकी हर कदम बरसती रेह्नुमाएं
हमको ना दिखती दिन में एक भी बार
सौ दरवाज़े बंद ,पर खुला दरवाज़ा ना दीखता एक भी बार
कितनी मेहर बरसाता है रब हम पर हर बार
संता का रूप तो वो धरता है साल में एक ही बार
पर उस फरिस्ते का नूर तो बरसता ,साल के हर दिवस बार बार ..............
गरीब -अमीर सब को देता है भेद -भाव भूलकर
तोहफे तो सबको ईश्वर भिजवाता है अपना दूत भेजकर
पर हम तो यूँ ही रोते रहतें हैं अपनी बदकिस्मती पर
कभी ,कुछ चड सोच कर देखे उस रहनुमा की गुरवत पर
पर ना ........उसकी हर कदम बरसती रेह्नुमाएं
हमको ना दिखती दिन में एक भी बार
सौ दरवाज़े बंद ,पर खुला दरवाज़ा ना दीखता एक भी बार
कितनी मेहर बरसाता है रब हम पर हर बार
संता का रूप तो वो धरता है साल में एक ही बार
पर उस फरिस्ते का नूर तो बरसता ,साल के हर दिवस बार बार ..............
1 टिप्पणी:
happy chirstmas to you
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