सोमवार, 10 अगस्त 2015

नेक सलाह

                           कुछ देर चुप रहना
दिल ने कहा हमसे कुछ देर चुप रहना सीखो
बोलो कम और दुनिया को परखना सीखो
लगा बड़ा नेक मशवरा ,लगे हाथ अजमाया
इस सौदे में नुकसान कम मुनाफा ज्यादा कमाया
अपनी गुफ्तगू में कभी चेहरों पर पड़े नकाबों से ना हुये थे बाबस्ता कभी
नेक सलाह ने इनसानियत के रंगों से रूबरू करवाया
दिल में कुछ ,जबां पर कुछ और दिमाग में कुछ
जिंदगी के बहुतेरे रंगों का आईना दिखाया 
                                                                       ROSHI

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…


बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

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