शिकायतें ,रिवायतें ,निभाते चले गए रस्मों ,
रिवाजों के मकड़जाल को सुलझाते चले गए
ना कुछ हासिल कर सके ,
ना ही कुछ बदल सके हम सब ही ढोल चाहे आ...
कुम्भ है देश विदेश सम्पूर्ण दुनिया में छाया असंख्य विदेशियों ने भी आकार अपना सिर है नवाया सनातन में अपना रुझान दिखाया ,श्रधा में अपना सिर ...
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