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मुखौटे चडे हैं चेहरों पर ,पहचानना है नामुमकिन गर मुखौटा हटा कर देखो हर चेहरा मुस्कराता दिखेगा यक़ीनन बड़े से बड़े शूरवीर भी खा गए धोखा असल नक़...
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4 टिप्पणियां:
सुन्दर
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, हैप्पी फ्रेंड्शिप डे - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (07-08-2018) को "पड़ गये झूले पुराने नीम के उस पेड़ पर" (चर्चा अंक-3056) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया
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