नव- वर्ष
नव- वर्ष की पूर्व संध्या पर सोचा कुछ तो नव संकल्प करें सेहत पर देंगे कुछ खास ध्यान ,और जीवन -शेली को सुनियौजित करें
हँसना -मुसकराना ,दिल से खिलखिलाना और आस -पास के माहौल को सजीव करें
मित्रों के साथ जीवन का शेष वक़्त गुजारेंगे ,कुछ उनकी कुछ अपनी सुनेंगे और -सुनाएँगे
गुस्से को कम करेंगे ,शांति की राह पर चलेंगे ,खुद खुश रहकर दूसरों की मुस्कराहटों का सबब बनेंगे
तन -मन से जो भी हो सकेगा करने की रहेगी कोशिश हमारी ,यौं ही जीने का सफर हम जारी रखेंगे
हमारे कारन दिल ना दुखे अपनों का ,बस यौं ही अपने मुस्तकबिल को मजबूत करेंगे
कुछ नए दोस्तों की गिनती में करेंगे इजाफा ,अपनों के बीच रहकर दुश्मनों से स्वयं दूर रहेंगे
जब साथ हैं रब की मेहर ,सर पर छत ,दो वक़्त की रोटी और तन पर वस्त्र
अपनों का साथ ,बच्चों का प्यार जीने के लिए और क्या चाहिए बताओ सच- सच
रोशी--
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें