बड़ी दुश्वारी है मध्यवर्गीय परिवार के समक्ष आन पड़ी
कैसे मनाएँ होली का त्यौहार ?कोरोना ने है विपदा की खड़ी
किसी का अपना प्रिय साथ छोड़ गया ,किसी की गयी है नौकरी बरसों की
रोजगार खत्म हो गया ,बीमारी में पैसा चुक गया ,आपदा बड़ी है आन पड़ी
बच्चे रंग -पिचकारी के लिए हैं मचलते ,कैसे बयां करे माँ -बाप बड़ी मुश्किल घड़ी
घर -गृहहस्ती चलाना है बहुत टेड़ी खीर ,जो चलाये इसे वो जाने इसकी टेड़ी रीत
हमारी सभ्यता ,संस्कार हैं बहुत ही अद्भुत ,सांझा परिवार झेल जाते सारी मुसीबत
यही है हमारी पहचान विश्व -पटल पर , संभव नहीं सिवाय हिंदुस्तान के कंही भी
रोशी --
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