गुरुवार, 29 सितंबर 2022

 बुराई पर अच्छाई की जीत जग विदित है

दशहरे पर रावण का दहन भी सदेव से निश्चित है
इतने ज्ञानी ,ध्यानी रावण ने क्यों किया घिनौना कर्म ?
हो गया समस्त वंश का नाश ,अगर ना किया होता ऐसा अधर्म
पुत्र ,भाई, पत्नी सबने था उसको रोका ,पर विधना ने तो लिख रखा था कुछ और
स्वर्ण-जड़ित लंका हो गयी खाक गर किया होता सबकी बातों पर रावण ने गौर
महान योद्धा ,परम ज्ञानी ,महान शक्तिशाली पुरशो में नाम दर्ज़ होता इतिहास में
सीता ,विभीषण ,हनुमान के साथ गर ना किया होता अत्याचार अपने राज्य में
विधना ने तो लिखा था रावण के भाग्य में कि लंका मिल जाएगी पलों में खाक में
गर सुनी होती अपनों की ,ना होता यों दहन हर वर्ष ,नाम होता दर्ज़ इतिहास में
--रोशी
No photo description available.
Like
Comment
Share

कोई टिप्पणी नहीं:

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...