शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2022

 रूबरू हुए एक नवविवाहिता से ,मांग में सिंदूर ,हाथों मे मेहंदी ,पाँव में था आलता

उस लड़की का चल रहा है तलाक का मुकदमा अदालत में हमको था यह पता
अक्सर जाती थी बकील के पास , थाना जाती थी करने अगली तारीख का पता
पति ने बेघर किया उसको ,इश्क़ फरमाया अन्य विवाहिता से उसको था यह पता
विधवा माँ के साथ एक वर्ष से थी रह रही जहां खाने ,कपड़े का था ना पता
मुश्किल है जिसका घनघोर जीवन ,हमको था यह बहुत अच्छे से पता
उस लड़की ने कल पूरा दिन करवाचौथ का रखा था निर्जला व्रत पूरी श्रद्धा के साथ
शाम को बिधि -विधान से खोला व्रत ,पूरे अपने साजो शृंगार के साथ
ससुराल अय्याश पति के पास नहीं जाना निश्चय कर डाला था केस पति के साथ
एक सवाल जेहन में आ रहा है बारम्बार व्रत ,साजोशृंगार क्या था सब दिखावा ?
बेबकूफी ,मजबूरी ,संस्कार ,या था एक आडंबर जो हमने कल था आँखों से देखा
--रोशी
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