मात्र एक सप्ताह रह गया है दीपावली में
दिए ,झालरें ,खील -खिलौने दिखने लगे हैं बाज़ारों में
नए वस्त्र ,जूते-चप्पल ,खिलौने लगे हैं सब खरीदने में
हर इन्सान लगा है भागमभाग में ,अफरातफरी में
स्त्रियाँ व्यस्त हैं रसोई में ,बनाने में सुवासित पकवान
घर ,ड्योडी लगे हैं सबकी सफाई में ,धूल-मिटटी ,व्यस्त हैं हटाने में
देवी लक्ष्मी लौट ना जाये घर से व्यस्त हैं सब अपने निवास को चमकाने में
--रोशी
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