शरद ऋतू है आई ,वातावरण में है शीतल वयार छाई
तन को दे ठंडक का एहसास ,मन भीतर नव उजास छाई
शादी ,व्याह ,,दावतों के दौर भी दे रहे अनुकूल मौसम का संकेत
बेहतरीन मौसम का लुफ्त उठा रहें हैं सब ,तगड़ी है इसकी गिरफ्त
सुस्वाद व्यंजनों का स्वाद तो आता ही इस मौसम में ,होता सब हज़म
पश्मीना,जामावार का सुखद एहसास तो करते हैं हम सब शीतकाल में
गज़क ,रेवड़ी भी आती हैं परदे से बाहर सिर्फ थोड़े वक़्त के लिए इस मौसम में
आइसक्रीम जो राज करती है दिलों पर उसको भी जाना होता है अज्ञातवास में
इस सर्वसुख के साथ एक मार्मिक तस्वीर भी है इस अद्भुत मौसम की
बेघर ,गरीब के लिए बहुत दर्दनाक रातें होती हैं इस मौसम की
बहुत भयानक पक्ष ,दर्दनाक पहलु है इस खुशगवार मौसम की
यह तो होता हमारा नसीब किसको है क्या मिलता?
--रोशी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें