खुल कर जियो ,उम्र को परे झटक दो ज़माने के साथ चलो
जितना स्वास्थ्य साथ दे उसी के मुताबिक खुद को ढालो
जितनी जिन्दगी बची है ,खुबसूरत लम्हों को भीतर समेट लो
यह अनमोल पल ना आएंगे वापिस यह जुमला दिल में उतार लो
बच्चे,परिवार ,दोस्त होते हैं सदेव जिन्दगी में खुशनुमा यादों के साथ
जिन्दगी का हर दिन नया तजुर्बा ,खट्टी -मीठी यादें सबको है देता
ख़ुशी-गम में तारतम्य बिठाना ,इतना नहीं आसान सबके लिए होता
जिन्दगी की आपाधापी में अपने ख्वाब ,शौक जो समेट दिए थे बक्से में
खोल कर उनको अब पूरे कर सकते हैं यह जज्बा रखिए दिल में
; उम्र ना रही कुछ नया करने की ;इस जुमले को जुबान पर ना लाना जिन्दगी में
कर गुजरने की गर हो हिम्मत हर उम्र में दुनिया की खुशियाँ कर सकते हैं मुट्ठी में
रोशी
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