भरी दुपहरी तपती धूप में बिन पानी रह कर देखो हर बूँद की कीमत जान जाओगे
कभी राशन या बस की लाइन में दोपहर गुजारो हाथ के पंखे की जान जाओगे
अंतड़ियाँ भूख से कुलबुला रही हों तो अन्न केहर दाने की कीमत जान जाओगे
सर पर जब नहीं हो छत्त तो छप्पर की कीमत भी तत्काल जान जाओगे
जब ना हो सर पर मां -बाप का साया तब उनकी अहमियत सही से आंक पाओगे
मिलकर किसी असाध्य मरीज़ से अच्छे स्वास्थ्य की एहमियत जान जाओगे
शीत लहर में तन पर ना कपडा तो दो गज चीर की कीमत तत्काल जान जाओगे
मिलीं जब सारे जहाँ की खुशियाँ आसानी से रब का शुक्रिया ना अदा कर पाओगे
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