शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

मुलाकात

आज हुई मुलाकात एक नवयुवती से
जिसकी हुई थी अभी-अभी सगाई
                         मुलाकात हुई उसकी काली-घनेरी फैली जुल्फों से
                          मुलाकात हुई उसके ललाट पर चमकती बिंदिया से
                         मुलाकात हुई उसकी आँखों में पलते मीठे सपनो से
मुलाकात हुई उसके लज्जा युक्त-रक्त होते कपोलो से
मुलाकात हुई उसके अनछुए लरजते काँपते होठो से
मुलाकात हुई उसके चहरे पर छाई अदभुत लालिमा से
                          मुलाकात हुई उसकी गर्व से उठी ग्रीवा से
                          मुलाकात हुई उसकी अल्लहड़ अनछुई जवानी से
                          मुलाकात हुई उसकी नाजुक बलखाती कमरिया से
मुलाकात हुई उसकी मदमस्त चाल से
मुलाकात हुई उसके लहराते हुए आंचल से
मुलाकात हुई उसकी नई मीठी बातो से
                           नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
                            पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था
ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
                          
     

31 टिप्‍पणियां:

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

सुंदर रचना ... बधाई । नन्हे मुन्ने मेँ प्रकाशित मेरे बालगीत पर टिप्पणी हेतु आपको धन्यवाद । आप मेरे सन्निकट जनपद पीलीभीत की हैँ , यह जानकर विशेष प्रसन्नता हुई । www.abhinavanugrah.blogspot.com

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

रोशी जी

नवयुवती से मुलाकात करते करते हम भी पहुंच गए कई साल पीछे …

अच्छे भाव … बधाई !

बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ऐसा ही होता है प्रेम बन्धन।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

प्रेम में पगी पंक्तियाँ....बहुत सुंदर ...

Lata agrwal ने कहा…

nice thoughts

Lata agrwal ने कहा…

nice thoughts.

Unknown ने कहा…

this is what i was xpecting from u....congracs!!

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

roshi ji......bahut sundar baat kahi...vaah.....

Minakshi Pant ने कहा…

सुन्दर रचना !

amar jeet ने कहा…

नवविवाहिता के मनोभावों का सुंदर चित्रण है आपकी रचना

Anupriya ने कहा…

:) ab kya kahun...
bahot sundar mulakaat...
aapne sundar ateet me bhej diya...
bahot achche.naye naye pyar ka asar aisa hi to hota hai na.

Dr Varsha Singh ने कहा…

अच्छी कविता के लिये बधाई स्वीकारें।

Sunil Kumar ने कहा…

ऐसा ही होता है प्रेम बंधन, नवविवाहिता के मनोभावों का सुंदर चित्रण....

amit kumar srivastava ने कहा…

nice configuration of thoughts..

वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओर ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना रोशी जी!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

वाह ! क्या मुलाकात हुई !
प्रेम रस में नहाई हुई कविता , बहुत प्यारी ...

mridula pradhan ने कहा…

bahut sunder mulakat hai....

Ravi Rajbhar ने कहा…

Prem me sarabor hain poem.
kas ye mulakat.................... :) :)

badhai.

Girish Kumar Billore ने कहा…

uttam hee nahee Ati uttam

Khare A ने कहा…

bahut hi sundar

Minoo Bhagia ने कहा…

pal bhar mein hi haseen bana diya.... sunder

मनोज पटेल ने कहा…

बहुत सुन्दर...
कृपया इसे भी देखें
http://www.padhte-padhte.blogspot.com/

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

लो कर लो बात.....हम भी चले गए थे ज़रा अतीत में...कविता हुई ख़त्म और आ गए व्यतीत में..... खट-खट-खट खटखटाया किसी ने...अबे बाहर निकल इस शब्द-बंधन से की कविता हुई ख़तम....!!

धीरेन्द्र गुप्ता"धीर" ने कहा…

सुंदर, बहतरीन, ख़ूबसूरत, अदभुत...

आपका अनुज....

धीरेन्द्र गुप्ता"धीर"

धीरेन्द्र गुप्ता"धीर" ने कहा…

आपकी इस रचना ने मुझे अपने अतीत से तो मिलवाया ही, साथ ही एक सुन्दर अभिव्यक्तियो से रूबरू करवाया...आपके सुंदर लेखन के लिए शुभकामनाये...
आपका अनुज...
धीरेन्द्र गुप्ता 'धीर"

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

aek achchi mulaaqat he roshi bhn bhut achchi rchnaa mubark ho akhtar khan akela kota rajsthan

डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swami ने कहा…

""नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था""
बिल्कुल सटीक रचना । सचमुच ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
सार्थक रचना के लिये आभार रोशीजी ।

डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swami ने कहा…

"नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था"
बिल्कुल सटीक रचना । सचमुच ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
सार्थक रचना के लिये आभार ।
रोशीजी

priyankaabhilaashi ने कहा…

बहुत सुंदर..!!

Ajit Pal Singh Daia ने कहा…

बहुत सुन्दर !बधाई ....

आलोक सिन्हा ने कहा…

सुन्दर रचना

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...