आज हुई मुलाकात एक नवयुवती से
जिसकी हुई थी अभी-अभी सगाई
मुलाकात हुई उसकी काली-घनेरी फैली जुल्फों से
मुलाकात हुई उसके ललाट पर चमकती बिंदिया से
मुलाकात हुई उसकी आँखों में पलते मीठे सपनो से
मुलाकात हुई उसके लज्जा युक्त-रक्त होते कपोलो से
मुलाकात हुई उसके अनछुए लरजते काँपते होठो से
मुलाकात हुई उसके चहरे पर छाई अदभुत लालिमा से
मुलाकात हुई उसकी गर्व से उठी ग्रीवा से
मुलाकात हुई उसकी अल्लहड़ अनछुई जवानी से
मुलाकात हुई उसकी नाजुक बलखाती कमरिया से
मुलाकात हुई उसकी मदमस्त चाल से
मुलाकात हुई उसके लहराते हुए आंचल से
मुलाकात हुई उसकी नई मीठी बातो से
नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था
ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
जिसकी हुई थी अभी-अभी सगाई
मुलाकात हुई उसकी काली-घनेरी फैली जुल्फों से
मुलाकात हुई उसके ललाट पर चमकती बिंदिया से
मुलाकात हुई उसकी आँखों में पलते मीठे सपनो से
मुलाकात हुई उसके लज्जा युक्त-रक्त होते कपोलो से
मुलाकात हुई उसके अनछुए लरजते काँपते होठो से
मुलाकात हुई उसके चहरे पर छाई अदभुत लालिमा से
मुलाकात हुई उसकी गर्व से उठी ग्रीवा से
मुलाकात हुई उसकी अल्लहड़ अनछुई जवानी से
मुलाकात हुई उसकी नाजुक बलखाती कमरिया से
मुलाकात हुई उसकी मदमस्त चाल से
मुलाकात हुई उसके लहराते हुए आंचल से
मुलाकात हुई उसकी नई मीठी बातो से
नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था
ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
31 टिप्पणियां:
सुंदर रचना ... बधाई । नन्हे मुन्ने मेँ प्रकाशित मेरे बालगीत पर टिप्पणी हेतु आपको धन्यवाद । आप मेरे सन्निकट जनपद पीलीभीत की हैँ , यह जानकर विशेष प्रसन्नता हुई । www.abhinavanugrah.blogspot.com
रोशी जी
नवयुवती से मुलाकात करते करते हम भी पहुंच गए कई साल पीछे …
अच्छे भाव … बधाई !
बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ऐसा ही होता है प्रेम बन्धन।
प्रेम में पगी पंक्तियाँ....बहुत सुंदर ...
nice thoughts
nice thoughts.
this is what i was xpecting from u....congracs!!
roshi ji......bahut sundar baat kahi...vaah.....
सुन्दर रचना !
नवविवाहिता के मनोभावों का सुंदर चित्रण है आपकी रचना
:) ab kya kahun...
bahot sundar mulakaat...
aapne sundar ateet me bhej diya...
bahot achche.naye naye pyar ka asar aisa hi to hota hai na.
अच्छी कविता के लिये बधाई स्वीकारें।
ऐसा ही होता है प्रेम बंधन, नवविवाहिता के मनोभावों का सुंदर चित्रण....
nice configuration of thoughts..
बहुत सुन्दर रचना रोशी जी!
वाह ! क्या मुलाकात हुई !
प्रेम रस में नहाई हुई कविता , बहुत प्यारी ...
bahut sunder mulakat hai....
Prem me sarabor hain poem.
kas ye mulakat.................... :) :)
badhai.
uttam hee nahee Ati uttam
bahut hi sundar
pal bhar mein hi haseen bana diya.... sunder
बहुत सुन्दर...
कृपया इसे भी देखें
http://www.padhte-padhte.blogspot.com/
लो कर लो बात.....हम भी चले गए थे ज़रा अतीत में...कविता हुई ख़त्म और आ गए व्यतीत में..... खट-खट-खट खटखटाया किसी ने...अबे बाहर निकल इस शब्द-बंधन से की कविता हुई ख़तम....!!
सुंदर, बहतरीन, ख़ूबसूरत, अदभुत...
आपका अनुज....
धीरेन्द्र गुप्ता"धीर"
आपकी इस रचना ने मुझे अपने अतीत से तो मिलवाया ही, साथ ही एक सुन्दर अभिव्यक्तियो से रूबरू करवाया...आपके सुंदर लेखन के लिए शुभकामनाये...
आपका अनुज...
धीरेन्द्र गुप्ता 'धीर"
aek achchi mulaaqat he roshi bhn bhut achchi rchnaa mubark ho akhtar khan akela kota rajsthan
""नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था""
बिल्कुल सटीक रचना । सचमुच ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
सार्थक रचना के लिये आभार रोशीजी ।
"नव संबंधो ने ही एक दिवस में उस युवती
पल भर में ही जवां और हसींन बना दिया था"
बिल्कुल सटीक रचना । सचमुच ऐसा ही होता है प्रेम बंधन ...
सार्थक रचना के लिये आभार ।
रोशीजी
बहुत सुंदर..!!
बहुत सुन्दर !बधाई ....
सुन्दर रचना
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