मंगलवार, 7 जून 2011

मेरे अपने

कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं जिन्दगी में 
कि जुड़ जाते है वो जीवन चक्र कि धारा में 
पास रहकर कर जाते हैं वो आत्मा त्रप्त 
और दूर रहकर भी उनकी दुआएं करती हैं संतप्त 
दिल से दी गई दुआ का भी असर दिखता फ़ौरन 
हर मुश्किल घडी कटती है ऐसे जैसे शेर को देखकर भागे हिरन 
दिल हमारा भी देता है दुआ उनको कि रहे हमेशा उनकी हम पर नज़र 
पाएं वो भी सारे जहाँ की खुशियाँ और कुदरत का न हो उन पर कहर ..

2 टिप्‍पणियां:

SHAYARI PAGE ने कहा…

आपकी सभी पोस्ट मुझे पसंद आई

विभूति" ने कहा…

बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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