पितृ दिवस पर किया लिखूं पिता के बारे में
हम दो बहिनों का बचपन से जीवन सवांरा उन्होंने
नहीं याद ऐसी कोई चाहत जो रही हो अधूरी
हर कोशिश, यथाशक्ति से जो न की हो उन्होंने पूरी
भाई न था तो बेटीयों को पाला बेटों से बढकर
कभी न किया भेदभाव हमको लड़की समझकर
हर यकीं के साथ भेजा बाहर हमको बढ-चढकर
ना रहने दी कोई कमी -कभी ,शादी व्याह और घर पर
खाली पितृ दिवस पर याद करने-
बधाई देने पर होता न मकसद पूरा
मकसद होगा उनके बताये उसूल, रास्तो पर चलकर
उनके अनुभव और तजुर्वों से कुछ सीखकर
गर कर सके हम उन सपनो को पूरा
तो यही होगा सच्चा प्यार और होगा सबका जीवन सुनहरा ....
21 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया लिखा है आपने.
सादर
bahut achchhi bhavabhivyakti .aabhar
bahut sahi likha hai ...
एक पिता के हृदय को छू लिया है आपने।
sahi kaha ha aapne hame bhi bachpan se pita ne hi pala hai aur har kvahis puri ki hai
pita
har dukh unhone chhela hame sukh dene ke liye
khud kato me so gaye hame fulo me sulane ke liye
मकसद होगा उनके बताये उसूल, रास्तो पर चलकर
उनके अनुभव और तजुर्वों से कुछ सीखकर
गर कर सके हम उन सपनो को पूरा
तो यही होगा सच्चा प्यार और होगा सबका जीवन सुनहरा
Bahut Sunder..... Hridaysparshi bhav hain...
उनके बताये उसूल, रास्तो पर चलकर उनके अनुभव और तजुर्वों से कुछ सीखकर गर कर सके हम उन सपनो को पूरा तो यही होगा सच्चा प्यार
पितृ दिवस पर बहुत सुंदर भाव की प्रस्तुति के लिए आभार !
बहुत सुन्दर सोच...सुन्दर भावपूर्ण रचना..
सुंदर संदेश देती यथार्थ परक रचना.
बहुत हृदयस्पर्शी रचना!
Simply great !
एक आदर्श पिता की छवि साकार की है आपने. आभार.
सुंदर एवं भावपूर्ण
सार्थक रचना है..बहुत बढ़िया....
बहुत कमाल के भाव हैं आपके
पिता के प्रति आपकी पावन श्रद्धा को
हृदय से नमन.
इतने उच्च संस्कार देने के लिए
आपके पिता श्री को नमन
ईश्वर सैदेव आप पर कृपा बनाये रखे.
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.
उद्वेलित करती भावनायें ......
पिता को समर्पित सुन्दर भावों से लिखी खुबसूरत रचना |
bashut sundar pita ke hriday ko chhuti hui rachna badhai
उनके बताये उसूल, रास्तो पर चलकर
उनके अनुभव और तजुर्वों से कुछ सीखकर
गर कर सके हम उन सपनो को पूरा
तो यही होगा सच्चा प्यार और होगा सबका जीवन सुनहरा ....
bahut sunder bhaw.....
बहुत सुन्दर लिखा आपने... इस जमाने में ऐसे माता पिता भाग्यशाली लड़कियों के होते है... आपका आखिरी में लिखा पैगाम नीति वचन है.. सुन्दर
बहुत खूब ...शुभकामनायें आपको !
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