सोमवार, 11 जुलाई 2011

हाय-हाय गर्मी

उफ़ यह गर्मी का मौसम खूब रुलाता है

मौसम के साथ- साथ बिजली कटौती का दुःख सताता है
बिजली कटौती के साथ जनरेटर की आवाज से दम निकलता है
जनरेटर के साथ रात में मचछरो का संगीत सबको जगाता है
रात में संगीत और दिन में बदहजमी का दर्द सताता है
बदहजमी के साथ डायरिया, वायरल किलीनिक के चक्कर कटबाता है
किलीनिक के चक्करों के साथ-साथ फोड़े- फुंसी और घमौरिओं का आतंक रुलाता है

हर तकलीफ परेशानी झेल कर भी ये मौसम
हर साल अपना का इंतजार करता है
हर साल यह मौसम आम,खुमानी,लीची
भी भरपूर संग अपने लाता है
वर्फ का गोला,चुस्की,कुल्फी, फालूदा भी
यही मौसम खिलबाता है .. ...

22 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सही है जी!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

बड़ी दुर्गति है .........फिर भी मिठास है

sm ने कहा…

उफ़ यह गर्मी का मौसम खूब रुलाता है
nice one

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

हाय हाय गर्मी .... बहुत बढ़िया प्रस्तुति

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हम सबकी दशा एक जैसी ही हो जाती है।

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

बहुत खूब राशि जी ...आखिर इन्हें भी तो यह सुख नसीब हो ...हा हा हा हा

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

हर तकलीफ परेशानी झेल कर भी ये मौसम
हर साल अपना का इंतजार करता है

सही कहा आपने....

Jyoti Mishra ने कहा…

Hardships of summer.. Fantastical expressed.

ओम पुरोहित'कागद' ने कहा…

रोशी जी,
वन्दे !
आज आपके तीनो ब्लोग पर जाने का मन बनाया ! दो पर तो घूम लिया मगर http://roshi-agarwal.blogspot.com/ पर नहीं पहुंच सका-क्यों ?
खैर ! आपकी मर्जी !

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

सही कहा....

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

गर्मी तो परेशान करती ही है.... आपने फोटो बहुत सुंदर लगाये हैं...

Amrita Tanmay ने कहा…

photo achchha lagaya hai , is garmi me gudgudi ka ahsaas , achchha likha hai

Dr Varsha Singh ने कहा…

आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है। शुभकामनायें।

रोशी जी, यही तो मौसम का मिजाज है.....कभी गर्मी... कभी बरसात है.
वाकई, आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है। शुभकामनायें।

वीना शर्मा ने कहा…

हरेक चीज में अच्छाई भी होती है और बुराई भी..सुख और दुःख दोनों साथ साथ रहते हैं..बहुत सुन्दर प्रस्तुति

Maheshwari kaneri ने कहा…

हर मौसम का अपना जलवा होता है... बहुत बढ़िया प्रस्तुति..

Vivek Jain ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति,

विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

roshi ji
bahut hi sundar lagi aapki yah rachna is bhayankar garmi me bhi raseeli aam ki tarah.
kuchhh pane ke liye kuchh khona bhi to padta hai na=---
chaliye paseena hi baha lijiye -----;)
bahut hi badhiya
poonam

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सच कहा है. सुख दुःख का बंधन तो शाश्वत है..बहुत सुन्दर रचना.

रेखा ने कहा…

मौसम तो आती -जाती रहती है इंतजार कीजिए ........आपको जल्दी ही इस गर्मी से राहत मिलेगी

Satish Saxena ने कहा…

हर मौसम का आनंद अलग ही है आनंद लेना आना चाहिए !
हार्दिक शुभकामनायें ..

Sunil Kumar ने कहा…

गर्मी तो आती जाती रहती है इंतजार कीजिए......

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

गर्मी तो जान ही निकाल लेती है| खैर मुंबई में तो अब बारिश देवी की कृपा है|

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...