गुरुवार, 3 नवंबर 2011

त्योंहरो का मौसम आया

त्योंहरो का मौसम, अदभुत भर देता है रोमांच http://i38.tinypic.com/21181vk.jpg
घर परिवार, वातावरण-सभी जगह होता है आनन्द ही आनन्द
उमंग गर्मी से मुक्ति, शरीर, मस्तिस्क सभी होता है प्रफुल्लित 
साफ़ सफाई, साज श्रंगार, नवीन वस्त्र और आभूषण सभी करते आनंदित 
शादी, लग्नो, उत्सवो की भी लग जाती है जैसे झड़ी  
जैसे सभी कर रहे थे इंतजार इस मौसम और आन्नद पर्व का 
बच्चो को भी मिलती छुट्टी, सबका घर आगमन कर रहा है आनन्दित 
दीपकों की अदभुत छठा, बिजली की लड़ी,पटाखों का शोर 
कर रहा है किसी को रोमांचित और बहुतो का दिल धड़का क्यूंकि है वो कमजोर 
दिवाली के बाद घर आंगन करता बेटिओं का इंतजार 
जो आती होंगी दूर देश से समेटें ह्रदय में भैयुं का प्यार 
माँ बाप भी तक रहें द्वार की कब आएगी लाडली पूर्ण होगा त्योंहार.... 

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

चमकते, दमकते दीपों का उत्सव।

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...