सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार नाम का ज़हर तो है अंग अंग में समाया 
कब और कैसे यह भीतर समाया, कोई भी न समझ पाया 
जब हुआ नव शिशु का बीज कोख में पल्लवित साथ ही यह आया 
शिशु लड़का है या लड़की फ़ौरन ही घर में यह मसला गरमाया 
भ्रष्टाचारी डॉक्टर ने तत्काल नोटों की गद्दी थाम लिंग बताया 
गर बच गयी जान तो नवजात गर्भ से ही भ्रष्टाचार का तत्त्व लाया 
नामकरण के वक्त भी पंडित, नाई, सभी के जाल में खुद को फंसा पाया 
स्कूल जाने का जब मौका आया तो वहां भी भ्रस्टाचार का ही फन्दा फैला पाया 
ना जाने कितने दलाल, कितने डोनेशन के बाद ही  उसने ऐडमीशन पाया 
बचपन बीता, भ्रस्टाचार के दलदल में जो फंसा तो जीवन भर उबर न पाया 
बड़ा हुआ बालक तो कालेज, बिजनेस, जॉब भी इसी में लिप्त पाया 
कोख में ही था जब उसने सुनकर, समझकर था इसको अपना पाया 
नौकरी, बिजनेस सभी कुछ था इसकी नींव पर मजबूत उसने बनाया 
अपना फ्यूचर, तरक्की, शान शौकत भ्रस्टाचार  के साथ ही चमकाया 
यह तो जीवन का वोह है मजबूत हिस्सा जिससे न कोई बच पाया 
हमारे भीतर तक है नस - नस में इसका दावानल समाया 
परिवार में, समाज में, देश में सभी तरफ है इसने हाहाकार मचाया 
हम चाहें भी तो  समूल उखाड़ फेंकना इसको कोई भी न इसका मरम जान पाया 



--
Roshi Agarwal

19 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बिना इसे समूल उखाड़े विकास संभव नहीं।

S.N SHUKLA ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई स्वीकारें /

रेखा ने कहा…

बहुत सही और सार्थक प्रस्तुति ..

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Bilkul Sahi.... Saarthak Vichar liye rachna....

Satish Saxena ने कहा…

सही कहा आपने ....
शुभकामनायें !

G.N.SHAW ने कहा…

यह तो महा - भारत का अभिमन्यु हो गया ! सही चिंता ~ सभी परेशां !

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग ने कहा…

Bhrashtachar par aapke dwara likhi gayi kavita bejod hai.

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

bahut sundar rachna ... umda ..aur sundar vishleshan bhrastachaar ka..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

भ्रष्टाचार देश के लिए नासूर है,अच्छी पोस्ट

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब ....
आभार अच्छी रचना के लिए !

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

roshi ji
sach bhrashtaachaar ka bahut hi bakhoobi vishleshhan kiya hai aapne.
bahut hi sateek vivechan
bahut bahut badhaai
poonam

Unknown ने कहा…

Very nice creation Roshi Ji..
Regards....

संगीता पुरी ने कहा…

ना जाने कितने दलाल, कितने डोनेशन के बाद ही उसने ऐडमीशन पाया
बचपन बीता, भ्रस्टाचार के दलदल में जो फंसा तो जीवन भर उबर न पाया

समूल नाश किया जाना आवश्‍यक है !!

amrendra "amar" ने कहा…

sarthak prastuti ke liye aabhar

Satish Saxena ने कहा…

दीपावली मंगलमय हो ! सस्नेह शुभकामनायें !

Kailash Sharma ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति..दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

Unknown ने कहा…

बहुत सही और सार्थक प्रस्तुति ..

-: शुभ दीपावली :-

Gyan Darpan ने कहा…

दीपावली के पावन पर्व पर आपको मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!

way4host
RajputsParinay

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

भ्रष्टाचार पर एक सम्यक प्रस्तुति
दिवाली एवम नव वर्ष की शुभकामनायें

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...