सावन की बद्री में
झूलो की बद्री में
तुम याद बहुत आओगी
बारिश की फुहारों में
तृप्त करती बौछरो में
तुम याद बहुत आओगी
मेहंदी के बूंदों में
रंग बिरंगे सूटों में
तुम याद बहुत आओगी
रंग बिरंगी चुनर में
लहंगे की घुमर में
याद बहुत आओगी
मेघो की घन घन में
पायल की छन छन में
तुम याद बहुत आओगी
चमकती बिंदिया से
छनकति पायलिया में
तुम याद बहुत आओगी
झूलो की बद्री में
तुम याद बहुत आओगी
बारिश की फुहारों में
तृप्त करती बौछरो में
तुम याद बहुत आओगी
मेहंदी के बूंदों में
रंग बिरंगे सूटों में
तुम याद बहुत आओगी
रंग बिरंगी चुनर में
लहंगे की घुमर में
याद बहुत आओगी
मेघो की घन घन में
पायल की छन छन में
तुम याद बहुत आओगी
चमकती बिंदिया से
छनकति पायलिया में
तुम याद बहुत आओगी
7 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर
प्यारी कविता।
कोमल भावों से सजी प्यारी कविता
'ममता के आँचल' में पलती है'मानवता' निश्चय |
छोटे बच्चों में होता 'सच्चे प्रेम का संचय ||
'ममता के आँचल' में पलती है'मानवता' निश्चय |
छोटे बच्चों में होता 'सच्चे प्रेम का संचय ||
♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
सावन की बदरी में
झूलों की बदरी में
तुम याद बहुत आओगी
प्यारी बिटिया
सुंदर गीत है ...
आदरणीया रोशी जी !
नव वर्ष के लिए शुभकामनाएं !
साथ ही
हार्दिक मंगलकामनाएं …
लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !
राजेन्द्र स्वर्णकार
✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿
bahut sunder.
एक टिप्पणी भेजें