बासन्ती पवन ने ली है अंगड़ाई ,तरुवरों ने फिजा में खुशबू है फैलाई
मदमस्त है मौसम शीत लहर के प्रकोप से सबने थोड़ी मुक्ति पायी है
आम की बगिया में बौर ने खुशबू फैलाई है ,गुलमोहर की डाली भी फूलों से झुक आयी है
मोटे स्वेटर ,रज़ाई से सबने है निजात पायी ,बच्चे ने बाहर खेलने की इजाजत पायी है
सबको हो रहा सुखद एहसास इस मौसम के परिवर्तन का ,अभी जो बहुत सुखदाई है
परिवर्तन तो प्रकृति का शाश्वत नियम है ,इसका परिड़ाम भी जीवन के दोनों पहलू दिखाता है
सही या विपरीत दोनों परिसथितियों से लड़ने की ताकत और समझ से हमको रूबरू करवाता है
रोशी --
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