शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

 कभी कभी जबर्दस्ती की मुस्कराहट से चेहरे को दमकाना पड़ता है

मन के भावों को हृदय के भीतर ही सँजो कर रखना पड़ता है
यह कलाकारी खुद ही सीखनी पड़ती है ,और प्रतिदिन परीक्षा भी देनी होती है
वक़्त ,हालत के मुताबिक ढल जाने की प्रवीडता हासिल करनी ही होती है
जिसने यह हुनर जान ,समझ लिया जीवन का सार मानो समझ लिया
सोलह कलाओं में इस विधा का बहुत अद्भुत महत्व है ज़िंदगी जीने के लिए
अपनी दुश्वारी समेट कर अपने दिल में रखो ,यही फलसफा है जीने के लिए
रोशी --

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