मंगलवार, 2 अगस्त 2022

 ज़िंदगी की आपाधापी में कुछ पल अपने लिए रखो

कहकहे लगाओ ,गप्पे मारो ज़िंदगी का लुफ्त उठाओ
दोस्तों की गपशप भी भर देती है नीरस ज़िंदगी में रंग
नव -ऊर्जा का हो जाता संचार जो ज़िंदगी हो जाती बदरंग
चुहलबाजियाँ कर देतीं दिमाग की सर्विस ,भर देती नवरंग
रोजाना के बदस्तूर ज़िंदगी के सफर से कुछ पलों की निजात
है बहुत जरूरी गर चाहिए आपको खूबसूरत ,बेहतरीन ज़िंदगी
रोशी --
May be an image of 6 people, people standing, body of water and sky
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1 टिप्पणी:

कविता रावत ने कहा…

कहकहे लगाओ ,गप्पे मारो ज़िंदगी का लुफ्त उठाओ
दोस्तों की गपशप भी भर देती है नीरस ज़िंदगी में रंग
.. सच जरूरी है जिन्‍दगी में यह सब ...

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