राम और कृष्ण ईश्वरीय अवतार थे ,संसार में अधर्म का नाश था जरूरी
विश्व को बड़ते पाप पर संयम ,धर्म ,सदाचार का पाठ पड़ाना था जरूरी
क्या राम को ना पता था माता सीता का ठिकाना? ,पर वन में पूछना था जरूरी
कृष्ण कंस का वध करने में थे पूर्ण सक्षम ,पर सही वक़्त की प्रतीक्षा करना था उनको जरूरी
14 वर्ष का वनवास ,सीता का हरण ,वन में ढेरों कष्ट ,जगत को बोध कराना था जरूरी
सही वक़्त पर सही फैसला बदल देता है जीवन की दिशा ,गर की होती जल्दबाज़ी राम और कृष्ण ने निज जीवन में
वंचित रह जाती दुनिया राम चरित मानस और गीता के ज्ञान से ,ना होते कोई आदर्श हमारे पास जीवन में
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