शादियों का माहौल ,करता है नव -उर्जा का संचार
किसी उत्सव से कम ना होता है ,लगता है कोई त्यौहार
मेहमानों की गहमा -गहमी ,,नौजवानों का जोश बड़ा देता है रक्तसंचार
बेहतरीन ,सुस्वाद व्यंजन सुवासित कर देते हैं सारी फ़िज़ा को हर बार
सिल्क की साड़ियो,उम्दा सूटों में सजे घराती-बाराती बना देते माहौल रंगीन
रिश्तेदारों से अरसे बाद होती मुलाकात भर देती जीवन में उत्साह ,भरपूर चहक
ठहरी जिन्दगी ,अनमने रिश्ते आ जाते हैं करीब ,अजब सी आ जाती है ताजगी
ढर्रे पर फिर चल पड़ती है सबकी जिन्दगी दिल आ जाते हैं सभी के करीब
येही तो ख़ूबसूरती है हमारी परम्पराओं ,रीत-रिवाजों की सबको खींच लाते करीब
--रोशी
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