गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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हमारे वीर सैनिक जो डटे हैं दिन-रात सीमा पर सबकी सुरक्षा के वास्ते
अपनी जान पर खेल उनकी आँख लगी है दुश्मन की चौकी पर हमारे वास्ते
बर्फ ,शीत लहर जो ना डिगा सकी उनका जूनून देश की सेवा का हमारे वास्ते
बीहड़ों में जानलेवा आंधियां भी कुछ डिगा ना सकीं उनके इरादे जो थे हमारे वास्ते
विशालकाए समुद्र के तूफ़ान ना पलट सके जिनके देश प्रेम का जूनून हमारे वास्ते
सेना में भर्ती होते वक़्त ही सुलग जाती है आग जांबाजों के भीतर इस देश के वास्ते
इसी जूनून को समेटे रहते हैं सदेव जब होते हैं बॉर्डर पर हमारी रक्षा के वास्ते
रोशी
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