जिन्दगी के कुछ दस्तूर बड़े अजीब होते सबके लिए जरूरी हैं
चेहरे पर मुस्कराहट,बेमतलब हंसी दिखाना हर वक़्त जरूरी है
अपनी व्यथा ,बैचैनी दिल में ही दफ़न करना ,रखना जरूरी है
बात मुंह से निकली नहीं कि उसका फिजां में फैलना जरूरी है
खुद सोचो समाधान अपनी दुश्वारियों का,होता उसका हल बहुत जरूरी है
उनका बेमकसद हर वक़्त बिन मांगी सलाह देना होता बहुत जरूरी है
बेशकीमती मशवरे और बना देते दोजख जिन्दगी, गर ख्याल ना किया उनका
ऐसे बेमुरव्वत ,ओछी सोच वाले दोस्तों से सौ गज की दूरी होती बहुत जरूरी है
रोशी
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