फागुन मास की कुछ बात ही है अपने में खास
फिजा में चहुँ और बिखरा होता है हास -परिहास
छोटे -बड़े ,अमीर -गरीब सब ही पर चडता होली का खुमार
प्यार,मोहब्बत के रंग चढ़ जाते स्वंयं खुद ही सब रंगने को तैयार
सपने-ख्वाब होते अलग सबके, रहती सबकी जुगत अपनी -अपनी
नर नारी ,बालक ,वृद्ध रह ना पाता कोई, अछुता रंग और गुलाल से दूर
ले आता यह त्यौहार उनको भी करीब जो हो गए है बरसों से अपनों से दूर
होली के त्यौहार की यह अद्भुत खासियत जो बनाती है इसको सबसे खास
भिगो देती है तन मन को प्यार के पावन रंग में आत्मा में होता पवित्र एहसास
रोमांच ,प्यार ,मोहब्बत का होता अद्भुत समावेश इस पावन त्यौहार में
बचा ना कोई इसकी गिरफ्त से ,गीत ,गुलाल भांग का होता समावेश इस त्यौहार में
रोशी
परिवार और मित्रों को होली की हार्दिक
बधाई
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