रविवार, 25 मई 2025

 



दरक रही है आपसी मोहब्बत ,तार -तार हो बिखर रहा परिवार है
पति -पत्नी का रिश्ता टूट कर अखबार की सुर्खियाँ बन रहा है
सावित्री ,सीता ,उर्मिला की कहानियां सुनी थीं बचपन से
कितनी बेदर्दी से वजूद मिटा रही हैं जीवनसाथी का झटके से
सात जन्मों का साथ मिटाने में सात लम्हे भी नहीं लगा रही हैं
प्रेमियों के चक्कर में सात फेरों की धज्जियाँ बाखूबी उड़ा रही हैं
लड़के भी निर्ममता से पत्नी का अस्तित्व जिन्दगी से मिटा रहे हैं
उफ्फ कितना भयाबह भविष्य हैं आने वाली नस्लों का हमारी
राम -सीता सरीखा दाम्पत्य बस किताबों में सिमटता जा रहा है
हमारे समाज का विघटन हमको किस युग में लेकर जा रहा है ?
--रोशी 

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