गुरुवार, 22 सितंबर 2011
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दिनचर्या सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...
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श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...
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जीते जी तो भोजन -पानी ना दिया सुकून से ,मार दिया जीते जी उनको श्राद्ध कर्म कर रहे हैं आज शानो -शौकत से बिरादरी में नाम कमाने को जिस मां ने...
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होली का त्यौहार आ रहा है , साथ में रंगों की बौछार ला रहा है लाल, पीले ,हरे, नीले रंगों का है अदभुत संसार हर रंग से हम देखते और खेलते आये ...
1 टिप्पणी:
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया, सबकी आँखों का तारा।
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