गुरुवार, 22 सितंबर 2011

माखनचोर


ब्रज का दुलारा है ,सखियन का प्यारा है
यशोदा की अंखियन का तारा ,,वो है हमारा
वृषभान दुलारी का प्राण-प्रिय ,नन्द का दुलारा है
वृज का रखवारा दुष्टों का तारान्हारा है ,
किन नामो से उसको पुकारे ना जाने यह जी हमारा है?  
गोवर्धनधारी ,गिरधारी ,माखनचोर और कृष्ण मुरारी 
असंख्य नाम है उसके ,सहस्त्र्रूप्धारी 

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया, सबकी आँखों का तारा।

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...