अब कुछ कुछ पहचानने लगे है ,चेहरे कौन अपने कौन पराये
दिखाते है ख़ुशी ,ढकते हैं जलन पर दिख ही जाते हैं फफोले चेहरे पर
क्यूंकि चेहरा और आँखें ही तो आइना हैं अंदरूनी
यह कमबख्त कितना भी छुपाओ राज़ खोल ही देते हैं
सोचो ज़रा उस भगवन का करो शुक्रिया अदा
कितनी खूबसूरती से फिट किया है लाइ डेटेक्टर
इन्सां को भी न पता
2 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर भाव
bahut achhi lagi
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