शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019



राम सीता  

संसारिक मर्यादा का तो बखूबी पालन किया मर्यादा पुरषोत्तम ने
पित्रधर्म ,माँ का सम्मान बखूबी निभाया था, हर आज्ञा को राम ने
सौतेली माँ की आज्ञा को कर शिरोधार्य वन गमन का निर्ड्य लिया था राम ने
पिता का मान रखना तो पुत्र धर्म है ,पर  पत्नी  का ना  धरा ध्यान राम ने 
रावण से युद्ध तो नियत विदित था पर उसमें था क्या सीता का दोष ?
बलशाली रावण के द्वारा छल से ले जायी गयी  श्रीलंका वो  निर्दोष 
एक -एक पल कैसे काटा है वो पीड़ा भी है करती मन में असंतोष

गयी वो पुनः त्याग ,पाया संवासित जीवन  अबला ने दो पल में 

सुना दिया था निर्ड्य वन गमन का  उस  मर्यादा पुरषोतम ने 
गर्भावस्था में ही गयी वो त्यागी आसन्नप्रसवा

पतिधर्म की मर्यादा का पालन क्यौ ना कर सके तुम राम ?

हर युग में अनुत्तरित रह जाएंगे कुछ प्रश्न तुमसे राम 
कभी भी न दे सकोगे उन प्रश्नों का जवाब समुचित तुम मर्यादा पुरषोत्तम राम

 

मंगलवार, 17 सितंबर 2019

अपने पिता के 81 वें जनम दिन पर कुछ उद्गार 
एवं सबकी हार्दिक शुभ कामना 
आपका अस्तित्व दिलाता है एहसास हम सबको बखूब 
मानो पूर्णतया सुरक्षित,महफ़ूज है हम सबका वजूद 
जिसके तले पली-बड़ी हैं ढेरों लताएँ ,पादप और वल्लरियाँ
पाया था जिन्होने सम्पूर्ण आश्रय ,थी गूंजी जिनकी किलकारियाँ 
बट-व्रक्ष ने बांटी है समान धूप ,ज़मीन सबकी की हैं कम दुश्वारियाँ
ढेरों परिंदे  बनाते  नव नीड़ और त्याग जाते निज बसेरा उस बृक्ष का 
कभी ना मांगा था उसने हिसाब उनसे साथ अपने बिताए लम्हों का 
हाथ फैला समेटा था सबको बखूबी अपनी शाखों में ,अपनी देकर शीतल छाया 
देना ही तो ब्रक्ष की सदियों से रही है अद्भुत ,अपार प्रक्रतीc
निभा रहा है ये ही अद्भुत धर्म बखूबी वो सतत आज भी 
बट बृक्ष के पत्ते ,टहनियों और शाखों में आज भी है बही दमखम 
जब वर्षों पहले अपने रूप और आकार को उसने पाया था विशाल ,नवीनतम 

मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019



शहीदों की तेहरवीं पर कर दिखाया अद्भुत कारनामा ,
दुसरे के घर जाकर दुश्मन को नेस्ताबूत कर दुनिया को आज दिखाया
सब्र का बांध जब तोड़ोगे ,तो मिला देंगे तुमको मिटटी में हम कर आज दिखाया
आज हमारे शहीदों की आत्मा को मिला होगा कुछ सुकून
उन्होंने किया हमारे सैनिकों पर हमला ,हमने मारे आततायी
दिया अपनी जनता ,को थोडा चैन
नमन करते हैं अपनी सेना को जान हथेली पर रख दिया जिसने अंजाम
दिखा दिया विश्व को कि ना लो हमारे सब्र का इम्तेहान
अतान्कियौं की पाठशाला को मिटटी में मिलाना ना था इतना आसन
मानसिक ,शारीरिक तेयारी से लबरेज थे हमारे जांबाज और सर पर बांधा था कफ़न
सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लगता है बहुतआसान
पर दुसरे के घर भीतर घुसना ना है इतना आसान
पुरे विश्व में अब भारत का परचम लहराएगा
शक्तिशाली देशों में अब भारत भी जाना जायेगा
                                             गंगा -स्नान


कोई सरकार आए,कोई सत्ता से जाए
पर योगी जी ने सबको कुम्भ दियो नहलवाए 
कुम्भ दियो नहलवाए ,सगरी व्यवस्था अद्भुत कीन्ही 
यातायात ,सुरक्षा ,स्वस्थ्य ,सभी  पर ध्यान है उन्होने दीन्ही 
कुम्भ -स्नान का तो जैसे विशाल सैलाब था समाया प्रयागराज में 
समस्त हजूम को सम्हाला सरकार ने और था सबको गंगा -स्नान करवाया

रविवार, 17 फ़रवरी 2019

मासूमों का हत्यारा  

ना आँखों में तनिक अश्रुबिंद ,मस्तिस्क भी हो गया शून्य लांघ गया था वो हैवानियत की सारी सीमाएं 
ना वक़्त लगाया अपनी जान देने में ,ना सोचा तनिक मासूमों की जान लेने में 
सम्वेंदनाएं ,,क्या सब उठा कर रख दी थी ताक पर  उस  हैवान ने?
उफ़ यह आत्मघाती कदम उठाने से पहले कुछ छड़ सोचा होता उसने
बार्डर पर डट कर लोहा लेता दुश्मनों से और ,
 दी होती गर उसने अपनी जान
 तो मिलता शायद उसको देश से शहीद का सम्मान ,अंतिम यात्रा में होता देश वासियों का हुजूम ,पर क्या मिला उसको  जान गंवा कर क्योंकीबना गया वो सबकी नफरत का मजमून 

  मौनी अमावस्या पर हुई दुखद घटना पर हार्दिक संवेदनाएं --------------------------------------- निकले थे घर से संगम पर स्नान करने इलाहबाद ,महा...