सोमवार, 25 सितंबर 2023

 ग़ुरबत की जिन्दगी बेहद दुष्कर है

यह सारी खूबियाँ निगल जाती है
परोस देती है सिर्फ खामियां भीतर तक की
कुछ बेहतर बचता ही नहीं है आपके भीतर
आपकी क़ाबलियत ,रूप -रंग ,सब परे हो जाता इसके अन्दर
वक़्त का पहिया घूमा नहीं ,बन बैठते हैं आप धुरंदर
अवगुण तत्काल बदल जाते गुंणों के समंदर में
गलतियाँ चुप जाती तत्काल गुणों की चाशनी में
सूरमा भी चाटते धूल जब विपरीत चलती है बयार
कंगाली में बेजान हो जाता दिमाग और सुन्न हो जाता शरीर
--रोशी
May be an image of 1 person
All reactions:
Sangita Puri

कोई टिप्पणी नहीं:

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...