हंस कर काटी गर जिन्दगी साथ में ढेरों मिल जायेंगे
आंख में अश्कों को देख सब दूर हो जायेंगे
मुस्कराता चेहरा भाता है सबको ,हाल चाल सब पूछने आएंगे
गर खोला हाले दिल का पिटारा ,सब झूटी तस्सलियाँ दे मन बहलाएँगे
कोई जख्मों पर ना लगाएगा मरहम,ज्यादातर नमक ही छिड़क कर जायेंगे
नकली मुखौटे के साथ जीने की पड़ गई है आदत ,वही सबको खुश कर पाएंगे
फायदा है बड़ा इसका ना अपने दर्द दिखेंगे ना दूसरे के गम हम देख पाएंगे
--रोशी
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