मेरे देश की कहानी खुद उसकी जुबानी ....
---------------------------------------------सोने की चिड़िया के नाम से था में विश्व में जाना जाता
मुगलों ने ,काफिरों ने था मुझको सदेव खूब लूटा- खसोटा
मेंने था बमुश्किल खुद को बड़े कष्टों तकलीफों से समेटा
मेरे परिवार का विभाजन कर डाला ,मेरी आत्मा को विदीर्ण किया
हिकारत से थे जो देखते मुझको पडोसी मुल्क उनको है मेरी सुध आई
जल ,थल ,नभ सब कुछ है मुट्ठी में मेरी,कोई मुश्किल ना मुझको रोक पाई
बेशक सभी कौमें लड़ें आपस में पर सीमा पर हैं मुस्तैद एकजुट सदेव सभी भाई
पनाह मांग रहे पडोसी मुल्क मुझसे ऐसी शख्सियत मुश्किल से है अब मैंने पाई
विश्व में है लहराता मेरा परचम ,अंतरिक्ष में भी अपनी मैंने अब धाक है जमाई
सौदर्य ,शिक्षा ,सिनेमा ,हर छेत्र में है मेरी अब पताका ,शोहरत बुलंदी से छाई
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा यह ही धुन आज सब की जुबां पर छाई
--रोशी
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