रविवार, 23 जनवरी 2011

Roshi: बेटियां

Roshi: बेटियां: "रूई के फाए सी नरम ,मासूम और कोमल होती है पैदा पर ईश्वर भी देता है मजबूत ,बज्र सा दिल उनके अंदर उम्र के साथ साथ मासूमियत ,नरमाहट..."

1 टिप्पणी:

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

par ye betiyan kathor dil sab kuchh jhelne ke liye nahi payi thi, unhe apne astitv ko pahchanne ke liye di gayi thi...........jise ussne apni bebsi par aansu bhane me laga diya.............achha laga aapki post padh kar sukriya mere blog par aayen........sneh yun hi milta rahe

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...