शनिवार, 4 जनवरी 2025

इन्सान 

उनका ना कोई ईमान है ना धर्म है 
ना तो वो हिन्द है ना ही वो पूरा मुसलमान है 
ना ही है वो इंसान,बो तो पूरा का पूरा हैवान है 
दया ममता इंसनियत उसने इसका मर्म ना जाना 
दरिन्दगी हेवनियत के साथ उसका स्वभाव है वहीशियाना 
अरे कभी तो उस आतंकी ने झाँका होता दिल के अन्दर 
तो ना होता वो इतना दरिंदा और रहता इन्सान ,इन्सान और सिर्फ इन्सान 


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