वो थी अल्हड मासूम ,आँखों में उसने अपनी ढेरों सपने सजाए
आम सी लड़की की माफिक उसकीथी कुछ ख्वाहिशें वो दिल में थी सजाए
राजकुमार सफ़ेद घोड़े पे सवार उसको डोली में साथ ले जाएगा
उसकी हसीन दुनिया होगी ,खुशियों के सिवा गम तो पास फटक ना पायेगा
इस निष्ठुर ,पापी समाज ने गुपचुप उसके सपनों पर था आघात किया
दुखों का पहाड़ था टूटा उस बच्ची पर, कुछ ही माह में उसको विधवा बनाया
जानकर उसकी व्यथा ,एक फरिश्ता उसकी बदनसीब जिन्दगी में था आया
थामा उसका हाथ जिन्दगी को उसने अपनी मोहब्बत से रंगीन बनाया
बुराई पर हुई अच्छाई की जीत ,ऐसे फरिश्तों ने इस दुनिया को है हसीन बनाया
रोशी
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