कभी कभी
कभी कभी प्यार के कैसे कैसे अद्भुत रूप देखे
जीवन में जिनको किया अति प्यार वो ही आज अजनबी सरीखे
जरुरी नहीं कि मन सदैव ही उसको चाहे और देखे
रिश्ते ,नाते रोज़ बदलते है दिखाते है अपने रूप अनोखे
जान से भी ज्यादा प्यारे ,कभी कभी नामाते उनके दिखावे
प्यार की परिभाषा जिंदगी की स्लेट पर रोज़ ही लिखती नै इबारत
नए शव्द,नया प्रेम नव पल्लव रिश्ते रोज़ ही है रूप बदलते
जो मन को भाए,दिल को दे सुकूं वही है अपने सरीखे....
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