घर की जिम्मेदारियों से होना चाहती है मुक्त पुत्र के व्याह के बाद
हम कलुषित कर देते मन -मस्तिष्क इतना बेटियों का सास के प्रति
दिमाग में जहर ना भर सम्मान ,मोहब्बत ,प्यार का आइना दिखाएँ सास के प्रति
अधिकार मांगना ना सिखाकर कर्तव्य का पाठ पड़ायें बेटियों को बचपन से
शालीनता ,मर्यादा सहनशक्ति सिखाएं ,सास के प्रति नम्रता सिखाएं बालपन से
अद्भुद रिश्ता ,मजबूत सम्बन्ध बनेंगे बेटियों के सास से , अपनी ससुराल से
--रोशी
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