सोमवार, 15 जुलाई 2024

 

 हमारी प्राचीन परंपरा प्रेम को म्रत्युपर्यंत तक निभाने की रही है                                                                         विदेशी सभ्यता मात्र एक दिन प्रेम प्रदर्शन की रही है
प्रेम के अनगिनत रूप हमारे साथ जन्मते ही जाते हैं जुड़
स्थायी ,अटूट प्रेम का बंधन होता है हमारा जिसमें सब जाते हैं जुड़
मां-बाप ,भाई-बहन ,पति-पत्नी औलाद ,परिवार सरीखे अनूठे रिश्ते
दुनिया में सिर्फ भारत में हर परिवार में मिल जायेंगे अद्भुत रिश्ते
हमारी सभ्यता दुनिया में है अनूठी प्रेम की मिसाल खुद में समेटे ढेरों रिश्ते
365 दिन भी पड़ते कम हमको अपनों को प्रेम प्रदर्शन के वास्ते
संस्कारों से बंधे हम निभाते हर रिश्ता बाखूबी,रोज़ होता बेलनटाइन हमारे वास्ते
--रोशी

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