सोमवार, 15 जुलाई 2024


 मां को दरअसल मां बनने के बाद ही जाना ,उनका मर्म हुआ महसूस                                                                         सब रोका-टोकी जो लगती थी तब बेमानी अब जाकर सही हो रही है महसूस
नियम -कायदे उस वक़्त लगते थे बेमतलब उनका मतलब अब हुआ महसूस
सख्ती का मतलब अब समझ आया होती कितनी जरूरी उम्र के उस दौर में
अब दोहराते वही कड़क अंदाज अपनी औलाद के साथ उसी उम्र के दौर में
औलाद की बेहतरी के लिए हर उम्र में कुछ नियम कानून होते अति आवश्यक
पीछे मुड़ कर देखने पर नज़र आती उनकी अहमियत तब क्यों थे वो आवश्यक
--रोशी  

कोई टिप्पणी नहीं:

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...