एक लम्हा भी गर गुजारा दिन भर में नेकनीयती से पूरा दिन खुशगवार गुजरता हैअंदरूनी ख़ुशी से
कोई दी हो गर नेक सलाह किसी व्यथित ,परेशान इंसा को
उसकी दुआएं काफी हैं जिन्दगी आपकी खुशहाल बनाने को
भूखे को दो निवाले ,प्यासे को दो बूँद पानी गर दिया हंसकर
रूह से निकली दुआ उसकी कर देगी जिन्दगी आपकी बेहतरीन डटकर
पूस की सर्द रात में दिया कभी गर्म बिछौना ,रहमते बरसेंगी खुदा की आप पर
नीयत रखोगे गर नेक तो मंजिलें खुद मिल जाएँगी ,सुकून भी मिलेगा आत्मा को
तिनके जितना जर्फ़ रखो खुद कुछ करने का ,रब खुद आ जाएगा हाथ बटाने को
--रोशी
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