चिर प्रतीक्षित इंतजार की घड़ियाँ हुई ख़त्म राम लला आन पहुंचे स्वयं के निज धाम
पांच सौ वर्षों का अरसा होता ना कभी कम
दिन बहुरते सभी के ,मिलता न्याय सभी को
सतयुग में किया था अयोध्वासियों ने चौदह वरस इंतज़ार
कलयुग में पांच सौ बरस का हुआ ख़त्म अब इंतज़ार
सम्पूर्ण विश्व हुआ रोमांचित रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा पर
रंग गया समस्त संसार भगवा रंग में एकजुट होकर प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा पर
--रोशी
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