पुष्पों पर गुंजार करते भँवरे ,रंग बिरंगी तितलियाँ उपवनों की दिखती भव्य छठा
शीत लहर से त्रस्त प्रकृति है खिल उठी सम्पूर्ण योवन पर रूप अब है दिखता
प्रस्फुटित होती नित कलियाँ ,अद्भुत रंगों में निखरी चहुँ ओर फैली अद्भुत छठा
बगिया में यूं लहलहा रहे पुष्प मानो खुल के ले रहे सांसें घनघोर शीत काल के बाद
फिजां में छाई मस्ती,सुहावना बासंती मौसम आया त्रस्त करती शीत के बाद
--रोशी
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