उम्र बढने के साथ जीवन में आ जाता कितना ठहराव जिन उलझनों पर हो जाते थे झट विचलित अब ना होता बदलाव
भागदौड़ भरी जिन्दगी छोड़ शांत जीवन से मिलता सुकून
अब ना रहा वो पलक झपकते काम निपटने का जूनून
वक़्त शायद ढाल देता है जीवन को करना ना होता खास प्रयत्न
बदलाव ही होता है बेहतर गर जीवन को बनाना है बेहतरीन
--रोशी
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